1. साधना हेतु आयु की सीमा क्या होगी ?
साधना हेतु साधक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिये।
साधना हेतु साधक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिये।
नियमित आराधना, साधना, स्वाध्याय, प्रतिक्रमण, सामायिक, घ्यान, भक्ति आदि साधना के नियम है जो प्रत्येक साधक को प्रतिदिन अनिवार्य रूप से करने हैं।
सुख शांति और आंनद के लिए।
1 5.00 से 6.00 प्रतिक्रमण/ साधना 2 6.00 से 6.30 योग 3 6.30 से 7.00 ध्यान 4 7.00 से 9.30 विश्राम, अल्पाहार, स्नान आदि, पूजा, दर्शन 5 9.30 से 10.30 स्वाध्याय 6 10.30 से 11.30 ध्यान 7 11.30 से 2.30 भोजन, विश्राम 8 2.30 से 3.30 स्वाध्याय 9 3.30 से 4.30 ध्यान 10 4.30 से Read more about 4. साधक आश्रम में साधकों की दिनचर्या क्या होगी ?[…]
साधक हेतू- सफेद कुर्ता/ कमीज/शर्ट/ सफेद पैजामा साधिका हेतू- सफेद साड़ी/ सलवार कुर्ती
सामायिक पूजा दर्शन व आरती – सुबह-शाम प्रतिक्रमण – सुबह-शाम माला/जाप – 2/3 बार स्वाध्याय – 2/3 बार ध्यान – 2/3 बार बड़ी पूजा/तीर्थ यात्रा आदि – अवसर अनुसार ज्ञानवर्धक गोश्ठी – अवसर अनुसार (सेमिनार/कान्फ्रेन्स/ळक्/व्याख्यान माला इत्यादि)
रंग का प्रभाव मानस पटल पर पडता है श्वेत वस्त्र शांति का प्रतीक है।
धार्मिक आडियो एवं वीडियो
कैवल्यधाम तीर्थ में उपलब्ध चिकित्सा व्यवस्था साधकों को उपलब्ध होगी। कैवल्यधाम में चिकित्सालय प्रातः 9 से 12 खुला रहता है। पैथालाजी व इ.सी.जी. सुविधा उपलब्ध है। यहाँ प्रत्येक रविवार को डेंटिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, गैस्ट्रोलोजिस्ट व शिशु विशेषज्ञ उपलब्ध रहते हैं।
साधकों के लिये निःशुल्क भोजन की व्यवस्था रहेगी।